परी की कहानी भाग 1- जन्म
वडेला परिवार में एक नन्ही सी परी ने जन्म लिया. आकाश वडेला ने अपनी परी को पहली बार अपने हाथो में उठाया और अपनी पत्नी जीविका वडेला की ओर बड़ी प्रसन्नता से देखा. उस दिन मानों उन्हें अपनी जिंदगी का कोई मकसद मिल गया हो.
उन्होंने धूमधाम से अपनी बेटी का स्वागत किया और जैसे कि वो दोनों चाहते थे उन्होंने अपनी बेटी का नाम परिनिति रखा. सभी घरवाले ,रिश्तेदार ,पडोसी उसे परी कहकर ही बुलाते थे. वैसे तो वह पापा की परी थी ही पर शक्ल सूरत से भी वो किसी परी से कम नहीं थी. बचपन से ही परी पढ़ाई लिखाई ,खेलकूद, डांस, संगीत सभी कामी मे आगे थी. वडेला परिवार में वो सबसे छोटी थी और चाचा और ताऊ के चार बेटों की एकलोती बहन थी, इसलिए वो घर में सब की लाडली थी.
परी की जिंदगी का सफर बहुत अच्छा चल रहा था. उसके जन्म के बाद उसके परिवार की सभी मुसीबते और परेशानिया गायब होती जा रही थी.
ऐसे ही देखते देखते कब परी 13 साल की हो गई पता ही नहीं चला. आज उसके घर में उसके डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आने के लिए एक छोटी सी पार्टी रखी गई. सभी को बुलाया गया. सभी अपनी परी के लिए बहुत खुश थे. परी ने भी सभी को डांस करके दिखाया. वह किसी असली परी से कम नहीं लग रही थी. अचानक ही डांस करते करते उसको चक्कर आ गया और वह गिर गई. सभी परिवार वालों और पडोस वालो की साँस गले में अटक गई और सभी का दिल डर के मारे मानो मुँह मे आ गया हो. सभी परी की ओर उसे उठाने भाग कर जाते हैं और देखते हैं.............
#जिंदगी में किसी नई वस्तु या नए व्यक्ति के आने से बहुत कुछ बदलता है. किसी नई चीज़ के जन्म से हमारे जीवन में सभी भावों का भी जन्म होता है .
अब अगले भाग में देखते हैं नन्ही सी परी की कहानी में क्या होगा.
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Comments
Post a Comment